Anderson-Tendulkar Trophy shared between India and England: ओवल टेस्ट के पांचवें दिन का खेल छोटा रहा पर दमदार और असरदार रहा। मोहम्मद सिराज की धारदार और तीखी गेंदबाजी के आगे इंग्लैंड ने घुटने टेक दिए और भारत रोमांच, एक्शन, इमोशन और थ्रिल से भरे मुकाबले को जीतने में सफल रहा। ओवल में मेजबान टीम महज 6 रन से हार गई और सीरीज 2-2 की बराबरी पर छूटा। मैच में 9 विकेट लेने के लिए मियां भाई को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। ओवल टेस्ट के चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों की धुनाई करने वाले हैरी ब्रूक और कप्तान शुभमन गिल को प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड मिला। अब बारी थी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी की। सीरीज बराबरी पर छूटने के चलते भारत और इंग्लैंड ने इस ट्रॉफी को आपस में साझा किया जो पहले पटौदी मेडल ऑफ एक्सीलेंस के नाम से जाना जाता था। फ़िलहाल एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी दोनों टीमों से किसी के पास नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आख़िरकार भारत और इंग्लैंड ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 को साझा क्यों किया? नियम के मुताबिक़ अगर सीरीज़ ड्रॉ पर खत्म होती है तो पिछली सीरीज की विजेता टीम ट्रॉफी रखती है। ऐसे में यह ट्रॉफी भारतीय टीम को मिलनी चाहिए थी पर ऐसा नहीं हुआ। सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर ट्रॉफीभारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने मिलकर इस ट्रॉफी का नाम पटौदी मेडल ऑफ एक्सीलेंस से बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी करने का फैसला किया था। दोनों बोर्ड की इच्छा थी कि भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले टेस्ट सीरीज़ का नाम इन दोनों लेजेंड्स के नाम पर हो। सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन ना सिर्फ अपने-अपने देश के दिग्गज खिलाड़ी हैं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं। तेंदुलकर ने भारत के लिए 200 टेस्ट मैच खेले, जबकि एंडरसन ने इंग्लैंड के लिए अब तक 188 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया है।आख़िर भारत को एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी क्यों नहीं मिली?ओवल में मिली जीत के बाद भारतीय फैंस के मन में सवाल उठे कि भारत को ट्रॉफी क्यों नहीं दी गई जबकि उसने साल 2024 में इंग्लैंड को घर में आयोजित पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 4-1 से हराया था। दरअसल आयोजकों ने साल 2025 की सीरीज़ को इस ट्रॉफी का पहला संस्करण मानने का फैसला किया है। इसलिए इससे पहले के नतीजों को इसमें शामिल नहीं किया गया। इसी कारण ट्रॉफी फिलहाल साझा है। इसका पहला स्पष्ट विजेता तय होने के लिए फैंस को कुछ साल और इंतज़ार करना होगा, जब ये दोनों टीमें फिर से आमने-सामने होंगी।भारत का इंग्लैंड दौराभारत को साल 2029 में इंग्लैंड का दौरा करना है, वहीं साल 2027-29 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) साइकल के दौरान भी इन दोनों टीमों के बीच एक टेस्ट सीरीज़ की उम्मीद है, जो भारतीय ज़मीन पर इस ट्रॉफी की पहली टेस्ट सीरीज़ होगी।भारत और इंग्लैंड पहले इंग्लैंड की धरती पर पटौदी ट्रॉफी के लिए कंपीट करते थे। इसका आखिरी संस्करण साल 2021-22 में खेला गया था, जो 2-2 की बराबरी पर खत्म हुआ था। लेकिन इंग्लैंड के पास ट्रॉफी रही क्योंकि उन्होंने साल 2018 में यह सीरीज़ 4-1 से जीती थी। भारतीय ज़मीन पर ये दोनों टीमें एंथनी डी मेलो ट्रॉफी के लिए खेलती थीं। इसका आखिरी संस्करण पिछले साल हुआ था, जिसमें भारत ने 4-1 से जीत दर्ज की थी।हालांकि, अब इस नई सीरीज़ से भारत और इंग्लैंड दोनों देशों में मात्र एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के लिए खेलेंगे। पहले की दोनों ट्रॉफियों, पटौदी ट्रॉफी और एंथनी डी मेलो ट्रॉफी को अब रिटायर कर दिया गया है।